Friday, 29 November 2013

बिन तुम्हारे अच्छा नही लगता 
किन्तु , क्या याद काफी  नही 
फिर किसी बिना जीने कि आदत हो जाये 
ये जरुरी तो नही 

Wednesday, 27 November 2013

मन्नू -मुझे अंग्रेजी आती है, आप मेरी जग हंसाई मत करिये 
रम्भा- हंसकर )-वो तो देख ही रही हूँ 
मन्नू-खुद को ढकते हुए )-आप इधर उधर मत देखिये, हम अभी अंग्रेजी सिख क्र अत हूँ 
मन्नू एक बाज़ार में जमीं पर लगी दुकान में जाता है 
मन्नू-भैया , फटाफट , एक अंग्रेजी सिखने कि किताब दे दीजिये , मुझे एक अप्सरा को प्रेस करना है 
दुकानवाला- ये ले जाओ, तुम एकदम अंग्रेजी में ही हंसोगे रोओगे 
मन्नू- लेकिन, भैया, ये तो अंग्रेजी में है, हमे हिंदी में अंग्रेजी कि किताब चाहिए 
दुकानवाला- तो, ये ले जाओ, फूल हिंदी में पुआर अंग्रेजी 
मन्नू-वा वाह , का बात है , कसम भूरि भसीन के दूध महीने  में  
नींद गयी 
नींद गयी,
चैन गया 
दिल का करार गया 
तेरे साथ , मेरे सनम 
कैसे बताये 
क्या क्या गया 

Tuesday, 26 November 2013

तुझसे अच्छा 
तुझसे अच्छा विकल्प कोई दूसरा तो है नही 
जंहा तेरे बिना कोई सुकून मिले 
जितना तुझे चाहे 
तुझसे उससे ज्यादा सुकून पाये 

Monday, 25 November 2013

तेरा गरूर कभी चूर चूर न हो 
तू अपने दिलबरसे ,कभी दूर न हो 

Saturday, 16 November 2013

याद    है 
याद है 
जब गुलमोहर कि 
झरी हुयी पखुरी को 
अपनी अंजुरी में भरकर 
तुमने मुझसे कहा था 
i love u

Monday, 11 November 2013

आज भी मन नही लग रहा है 
रोज तितलियों को देखती हूँ 
समंदर के सपने आते है 
मन कंही नही लगता बेटे के लिए 
बहुत कुछ करना है 
आज तक तो अपने लिए ही सब करती रही हूँ 

Saturday, 9 November 2013

हमेशा दूसरों का  बहलाऊ 
ये जरुरी नही 

Friday, 8 November 2013

जब तुम्हे प्यार कहे कि, करो 
तो, प्रेम कि सीमा नही होती 
गलत कौन लिखता है 
मैंने लिखी थी, कि 
सोनू के लिए बहुत सी परियां  हो 
ताकि उसका दिल लगे 

Thursday, 7 November 2013

सोनू के साथ वंहा जाना चाहती हूँ 
जंहा बहुत साडी पारियां हो 
जंहा सोनू का दिल लगे 
वो, उस तनाव से मुक्त हो जो उसे विरासत में मिला है 

Wednesday, 6 November 2013

मंकी मंकी 
मंकी 
माआअंकी 
मानकी बोझिलता कम नही हो रही है 
उदाश हो जाती हूँ 

Tuesday, 5 November 2013

आपने आप को बर्दास्त करना सबसे ज्यादा कठिन होता है 
तुम्हारे जेन के बाद कुछ भी नही रहा यद् 
तुम्हारे जाने के बाद 
कुछ भी नही रहा याद 
कोई किस्से करे फरियाद 

आपकी खुसी में हमारी ख़ुशी 
जो मन में बसे , वो उर्वशी 

Saturday, 2 November 2013

कल   छत पर सांझ में टहल रही थी 
बारिश कि यद् आयी 
उड़ते हुए पखेरू देखकर सोचती हु बहुत भावुक हो जाती हु  
ये कहता है , बारिश का महीना 
तेरे बिन मुस्किल हुवा जीना