कोई भी
कोई भी बात हमेशा तो रस से भरी नही हो सकती
एक ऐसा भी वक़त आता है कि कोई बात ही नही होती
तब, आप ये न सोचे कि बाते ख़त्म हो गयी है
ये समझे कि किसी नयी बात कि शुरुआत होने वाली है
कोई भी बात हमेशा तो रस से भरी नही हो सकती
एक ऐसा भी वक़त आता है कि कोई बात ही नही होती
तब, आप ये न सोचे कि बाते ख़त्म हो गयी है
ये समझे कि किसी नयी बात कि शुरुआत होने वाली है
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