जब भी देखती हो
जब भी मुस्कराकर देखती हो
सच दिल को कलेजे से खिंच लेती हो
मृदुल मृदुल मुस्कान तुम्हारी
चटुल चटुल चितवन
प्यार ब्रिज का किशन कन्हैया
तुम मीरा की मधुबन
तुमसे रोज इतनी बातें कहने पर भी
जाने क्यों लगता है कि
कोई बात अधूरी रह गयी है
जब भी मुस्कराकर देखती हो
सच दिल को कलेजे से खिंच लेती हो
मृदुल मृदुल मुस्कान तुम्हारी
चटुल चटुल चितवन
प्यार ब्रिज का किशन कन्हैया
तुम मीरा की मधुबन
तुमसे रोज इतनी बातें कहने पर भी
जाने क्यों लगता है कि
कोई बात अधूरी रह गयी है
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