ये
ये
ये ये
ये रसभीनी बैटन वाली
बातों वाली
ये मदमस्त निगाहों वाली
बिखरने लगी है
तेरे अधरों व् कपोलों पर लाली
कि, जिन्हे देखकर
देखनेवालों की
नज़रें भी हो गयी है
मतवाली
ये लजीली चितवन वाली
भली लगती है
तेरे अधरों कि लाली
ये गुलाबी कपोलों वाली
ये मधुर बोलो वाली
जब तू शर्मा के मुस्कराती है
तो, कौन तेरे गोर गोर
गोरे गोर गलों पर
गुलाल मलता है
आजकल, तो तुझपर कविता करने का ही रातदिन मन करता है
ये
ये ये
ये रसभीनी बैटन वाली
बातों वाली
ये मदमस्त निगाहों वाली
बिखरने लगी है
तेरे अधरों व् कपोलों पर लाली
कि, जिन्हे देखकर
देखनेवालों की
नज़रें भी हो गयी है
मतवाली
ये लजीली चितवन वाली
भली लगती है
तेरे अधरों कि लाली
ये गुलाबी कपोलों वाली
ये मधुर बोलो वाली
जब तू शर्मा के मुस्कराती है
तो, कौन तेरे गोर गोर
गोरे गोर गलों पर
गुलाल मलता है
आजकल, तो तुझपर कविता करने का ही रातदिन मन करता है
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