ये
ये जो निगाहों से तुम
पैने पैने वार करती हो
जिंदगी पर
मौत का उधर धरती हो
जिंदगी पर मौत का उधार धरती हो
तुम्हारे रूप का रसपान करनेवालो के
दिल का सुखचैन
तुम कैसे मुस्कराकर हरति हो
हरती हो
ये जो निगाहों से तुम
पैने पैने वार करती हो
जिंदगी पर
मौत का उधर धरती हो
जिंदगी पर मौत का उधार धरती हो
तुम्हारे रूप का रसपान करनेवालो के
दिल का सुखचैन
तुम कैसे मुस्कराकर हरति हो
हरती हो
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