Wednesday 7 May 2014

आप एक नववधू 
घर के आँगन मे 
दिए जलाती 
रंगोली सजाती 
अच्छी लगती हो किन्तु 
किन्तु, आपको भि हक़ है 
अपने मनके साज श्रींगार क 
आपको हक़ है अपने मन क पहन्ने क 
अपने सपने सजाने व संवारने क 
आपकी भी निजी आजादी है 
कबतक आप 
अपना मन मारकर दूसरों के मन क 
सजती संवरती रहेगी 
आपको भी आधुनिक परिधान जंचते है 
आपको भी मित्रता पसन्द है 
आपकी भी हॉबी है 
आपके भी शौक है आपके भि मित्र है 
तो, अपनी ग्रस्ति क बहने लेकर युं नही आपने को 
गुमनाम कीजिये 
आअप पूर्ववत जि लीजीए 
अपने शौक व मित्रता के साथ 
आपको पार्टी पसन्द है 
तो, जाइये 
अपने बेटे के साथ 
घर के साथ 
जीवन का लुत्फ़ उठाइए 
क्योंकि, जो परिचय थे 
वो, यदि सिमट गई तो फ़िर अपनों क साठ पणे मे 
एक पूरी जिंदगी लग जायेगी 
आपको जिन जगहों से 
जिन लोगों से प्यार है 
आत्मीयता है 
उनसे निकटता व 
संवाद बनाये रखे 
विवाह या  भनेबहने 
बहाने , एकाकी जीवन मत चुनिए 
वरना ये त्रासदी से कम नहि होत 

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