मधुर मधुर म्रदु हास लिए
नव यौवन का मधुमास लिए
उर में मीठी प्यास लिए
तुम आई आंगन में उजास लिए
उजले रूप का अभिमान लिए
कुलवधू का सम्मान लिए
निश्छल कोमल मुस्कान लिए
सकुचाया सा मान लिए
जोग ने अज लिखी ये कविता बरसों बाद
नव यौवन का मधुमास लिए
उर में मीठी प्यास लिए
तुम आई आंगन में उजास लिए
उजले रूप का अभिमान लिए
कुलवधू का सम्मान लिए
निश्छल कोमल मुस्कान लिए
सकुचाया सा मान लिए
जोग ने अज लिखी ये कविता बरसों बाद
iska anuvad dekhna, bahut sukh deta h
ReplyDeletekintu, aaj anuvad nhi mil raha h
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