वो आसमान में चमकते सितारे
वो , सुरमई अँधेरे
झिलमिलाते तारों के उजारे
कुछ कहती हुयी
गुनगुनाती हुई
गुजरती जाती रात
इसे में , अचानक हो गयी
बिच में बावली बरसात
आधी रत की निश्त्ब्धता में
गूंजता पपीहे का राग
दिल में अधूरी रह गयी
कोई, भूली बिसरी साध
रह जाती है
जाने किस कोने में सिमटी
सखी सहेलियों की
हंसी -ठिठोली की बात
जाने कन्हा खो जाते है , स्वप्न
और छुट जाते है
साथ चलते चलते हाथ
खो जायेंगे हम कंही तो
रखना तुम हमको याद
वो , सुरमई अँधेरे
झिलमिलाते तारों के उजारे
कुछ कहती हुयी
गुनगुनाती हुई
गुजरती जाती रात
इसे में , अचानक हो गयी
बिच में बावली बरसात
आधी रत की निश्त्ब्धता में
गूंजता पपीहे का राग
दिल में अधूरी रह गयी
कोई, भूली बिसरी साध
रह जाती है
जाने किस कोने में सिमटी
सखी सहेलियों की
हंसी -ठिठोली की बात
जाने कन्हा खो जाते है , स्वप्न
और छुट जाते है
साथ चलते चलते हाथ
खो जायेंगे हम कंही तो
रखना तुम हमको याद
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