Monday 20 October 2014

तुमसे
तुमसे जीवन में श्रृंगार है 
भर बहार ही बहार है 
तुम खुद जीवन का श्रृंगार हो 
तुम्ही अभिसार हो 
तुम उसकी दवा हो 
जो जीवन से पराजित व् बीमार हो 

Kaan Mein Jhumka

Sunday 19 October 2014

क्या हो रहा है 

 तुमसे 
ये क्या हो रहा है 
जीवन का श्रृंगार तुमसे है 
जीवन में मस्त बहार तुमसे है 
तुम्हे हो समस्त खुशियों का आधार 
जीवन में खुशियों का अम्बार तुमसे है 
मौसम का निखार तुमसे है