Sunday 19 October 2014

 तुमसे 
ये क्या हो रहा है 
जीवन का श्रृंगार तुमसे है 
जीवन में मस्त बहार तुमसे है 
तुम्हे हो समस्त खुशियों का आधार 
जीवन में खुशियों का अम्बार तुमसे है 
मौसम का निखार तुमसे है 

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