desh me ajadi ke bad
एकाएक वोट तुष्टिकरण के लिए
किसानों के हिट दरकिनार क्र दिए गए
खेती बारी करने वाले एक डैम से अनदेखे क्र दिए गए
उनकी सुनने वाला कोई वर्ग नही रहा
खेती कैसे होती है
वे औरतें कैसे जीती है
ये सब भुला दिया गया
और कौन पूछता उन्हें
शायद कोई नही
मैंने उनकी आँखों के सपनों को टूटते देखा है वे सब और से लूटी जाती
उनमे से कितने सड़कों पर आ गए
ये कांग्रेस या वाम-मोर्चे को पता नही
क्योंकि वे खलिश हिंदुस्तानी थे
उनकी इसलिए उपेक्षा की गयी
एकाएक वोट तुष्टिकरण के लिए
किसानों के हिट दरकिनार क्र दिए गए
खेती बारी करने वाले एक डैम से अनदेखे क्र दिए गए
उनकी सुनने वाला कोई वर्ग नही रहा
खेती कैसे होती है
वे औरतें कैसे जीती है
ये सब भुला दिया गया
और कौन पूछता उन्हें
शायद कोई नही
मैंने उनकी आँखों के सपनों को टूटते देखा है वे सब और से लूटी जाती
उनमे से कितने सड़कों पर आ गए
ये कांग्रेस या वाम-मोर्चे को पता नही
क्योंकि वे खलिश हिंदुस्तानी थे
उनकी इसलिए उपेक्षा की गयी
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