Saturday, 15 June 2013

हर चेहरे पर वक्त की
रवानी लिखी होती है
धूप -छाँव की
कहानी लिखी होती है
हर दिन जो जाता है
वो, अपना नही होता
सूरज चाँद की
वीरानी लिखी होती है
कुछ पखेरू आशियाँ
बदल लेते है
जिंदगी रूकती नही
अणि-जनि लिखी होती है
                                           जोगेश्वरी 
vo लडकी जो
सुबह कमलिनी सी
खिल कर ,मुस्कराती थी
जो, अरमानों की रंगोली
सजाती  थी
वो लडकी जो घर को
ख्वाबों के फूलों से सजाती  थी
वो लडकी , जो दौड़ती भागती
मुझकों , मोड़ पर मिल जाती थी
जो, बैषाख की धूप  की तरह
खिलखिलाती थी
जिसकी यद् करते
साँझ और रात गुजर जाती थी
तितली की तरह उडती
वो लडकी कन्हा है
                          जोगेश्वरी 
तुझे थिरकते हुए देखना
तुझे महकते हुए देखना
तुझे लरजते ह्युए देखना
तुझे निखरते हुए देखना
जागती आँखों का ख्वाब था
जो, अब जाकर पूरा हुवा
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2 .
एक, तेरा नाम,
जो ,बुलाया न गया
जो, भुलाया नही गया
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3 .
जिन्दगी ने ऐसी बाजी  चली
कि , एक बाजी हम हारे
एक, बाज़ी , तुम जीते
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दबे लफ्जों से , इस तरह
लोग, मेरा नाम लेते है
जैसे, ओंस से
आग का कम लेते है
                             जोगेश्वरी 
1 .
मेरे साथ , जमाना नही था
एक तुम्ही तो , थी, तो
ऐसा लगता था , जैसे
मैंने सल्तनत जित ली है
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2 .
मै  हु, पर
जब, तुम साथ नही, तो
लगता है , कि
मै कंही भी नही हु
कुछ भी नही हूँ
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3 इस दुनिया से जाने के बाद
मेरा नाम रह जायेगा
सिर्फ तुम्हारी जुबाँ पर
और मेरी कविताये पढ़ी जाएगी
तुम्हारी किताबों में
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4 .
गर ,बहुत आसान होता
जीते जीते जी, किसी को भुला देना
तो , ये ज़िन्दगी
इतनी मुश्किल नही होती 

Monday, 10 June 2013

सुबह , तुम्हारी याद से
शाम तुम्हारी याद  से
नींद तुम्हारी याद से
ख्वाब तुम्हारी याद से
हर काम  तुम्हारी याद  से
आराम तुम्हारी याद  से

पूजा तुम्हारी याद से
अजान , तुम्हारी याद से
                                    जोगेश्वरी 

Sunday, 9 June 2013

आस है, तो, प्याश है

जब तू, आस-पास है
तो , लगता है, कुछ खास है
लगता है , चारों ओर
छाया , मधुमास है 
तुम्हारी हंसी को, हरसिंगार कहते है
आँखों में जो बसा , उसे रतनार कहते है
जीवन में जो, आके न जाये कभी
इसी बहार को, प्यार कहते है
         
                            जोगेश्वरी 
ye सुधारकर लिख रही हूँ

कभी मुस्कराके देख
कभी चिलमन हटाके , देख
मरने वाला भी, जिन्दा हो जाये
चाहे तो अजमा के देख
जोगेश्वरी
सोनू को नींद आ रही है 
नही पता क्यूँ आँखों में इतने आँसू  क्यूँ आते है 

Friday, 7 June 2013

बन्नो तेरा कजरा, लाख सोहे 
बन्नो तेरी अंखिया, सुरमेदानी 

Sunday, 2 June 2013

कभी चिलमन हटा के देख
कभी मुस्करा के देख
मरने वाला भी जिन्दा हो जाये
जो, तुम इतरा  के देखो