आज भी मन नही लग रहा है
रोज तितलियों को देखती हूँ
समंदर के सपने आते है
मन कंही नही लगता बेटे के लिए
बहुत कुछ करना है
आज तक तो अपने लिए ही सब करती रही हूँ
रोज तितलियों को देखती हूँ
समंदर के सपने आते है
मन कंही नही लगता बेटे के लिए
बहुत कुछ करना है
आज तक तो अपने लिए ही सब करती रही हूँ
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