Monday 11 November 2013

आज भी मन नही लग रहा है 
रोज तितलियों को देखती हूँ 
समंदर के सपने आते है 
मन कंही नही लगता बेटे के लिए 
बहुत कुछ करना है 
आज तक तो अपने लिए ही सब करती रही हूँ 

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