tumhari
तुम्हारी आँखों में जो
दरिया उतरता है
उसमे खिले है
कितने गुलाबी कमल
कितने प्यारे गुलाबी कमल
ये मेरी मोहब्बत की
मासूम प्यारी सी गज़ल
तुम आज भी हो
और कल भी रहोगी
आबाद ,
ये है, मेरे दिल कि दुआ अविकल
जान
तेरी आँखों में जो इतना नशा
छलका है
कंही कंही , ये मेरे प्यार का तो नही
और तेरे लबों पर मुस्कराहट
उसका तो कहना क्या
तुम्हारी आँखों में जो
दरिया उतरता है
उसमे खिले है
कितने गुलाबी कमल
कितने प्यारे गुलाबी कमल
ये मेरी मोहब्बत की
मासूम प्यारी सी गज़ल
तुम आज भी हो
और कल भी रहोगी
आबाद ,
ये है, मेरे दिल कि दुआ अविकल
जान
तेरी आँखों में जो इतना नशा
छलका है
कंही कंही , ये मेरे प्यार का तो नही
और तेरे लबों पर मुस्कराहट
उसका तो कहना क्या
No comments:
Post a Comment