कितना अच्छा लगा था
जब तुमने मुस्कराकर
इतराकर
मुझे ये फूल कहा था
फूल यानि मुर्ख
सच इतना खट्टा मीठा तो
संतरा भी नही होगा
जितना मीठा तेरे मुंह से
ये फूल लगता है
जब तुमने मुस्कराकर
इतराकर
मुझे ये फूल कहा था
फूल यानि मुर्ख
सच इतना खट्टा मीठा तो
संतरा भी नही होगा
जितना मीठा तेरे मुंह से
ये फूल लगता है
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