तुम न दूर हो
न पास हो
तुम न ख़ुशी हो
न उदास हो
तुम तो मेरे ह्रदय में
उमड़ती प्यास हो
मेरी कविता मेरे जीवन कि आस हो
मेरी धड़कन
मेरी साँस हो
तुम वंहा मिलना
जंहा नित नयी बहार हो ,
जंहा तुम्हारा सलोना रूप हो
तुम्हारा सरस प्यार हो
जंहा तुम्हारा नूतन सृंगार हो
सिर्फ प्यार ही प्यार हो
फूलों के हार हो
प्रियतमा तुम , वंही मिलना
क्योंकि , तुम तो
मेरे जीवन में
प्रकृति का अनुपम उपहार हो
न पास हो
तुम न ख़ुशी हो
न उदास हो
तुम तो मेरे ह्रदय में
उमड़ती प्यास हो
मेरी कविता मेरे जीवन कि आस हो
मेरी धड़कन
मेरी साँस हो
तुम वंहा मिलना
जंहा नित नयी बहार हो ,
जंहा तुम्हारा सलोना रूप हो
तुम्हारा सरस प्यार हो
जंहा तुम्हारा नूतन सृंगार हो
सिर्फ प्यार ही प्यार हो
फूलों के हार हो
प्रियतमा तुम , वंही मिलना
क्योंकि , तुम तो
मेरे जीवन में
प्रकृति का अनुपम उपहार हो
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