होश कंहाँ रहता है , तुम्हे
सोते हुए बिखरे गेशुओं का
केशों में लगाये पुष्प-दल का
अस्त-व्यस्त आंचल का
बिसूरे हुए काजल का
पांवों में सजती पायल का
पारिजात , तुम्हे तो
इस हाल में सोये देख
चंद्रमा भी रास्ता
भूल जाता है , अस्ताचल का
yello jyada pasand h, na
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