Friday 20 December 2013

सुनो
सुनो 
तुम्हे कोई फूल ,
कोई गुलाब नही भेजा 
क्योंकि 
तुमसे बढ़कर 
कोई, फूल क्या होगा 
एक, साथ , तुम्हारा 
मुझको प्यारा है 
किसी चमन में 
तुमसे प्यारा फूल क्या होगा 
सजती रहेगी , तुम्हारी हंसी 
लब पर 
खेलती कलियों कि तरह हंसी 
तुम्हे देखकर 
गुलशन को भी 
क्या कोई गुमान होगा 
हैरान होते है 
बाग़ के सभी फूल 
तुम्हे देखके 
तुम्हारी खूबसूरती का 
जलवा जब बिखर रहा होगा 

जोगेश्वरी सधीर 

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