अपने प्यार को
पाप से
अनैतिकता से
अनाचार से बचाना है
तो ,
मत देखो
नजर उठाकर
अपने प्रिय को
यदि नजरें उसकी ओर
उठने लगे तो
अपने मन के अश्वों को
लगाम दो
और प्रायश्चित करो
जीवन भर
सर झुकाकर
एकाकी , जीवन भर
पाप से
अनैतिकता से
अनाचार से बचाना है
तो ,
मत देखो
नजर उठाकर
अपने प्रिय को
यदि नजरें उसकी ओर
उठने लगे तो
अपने मन के अश्वों को
लगाम दो
और प्रायश्चित करो
जीवन भर
सर झुकाकर
एकाकी , जीवन भर
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