Saturday 3 August 2013

kyon lgta h

क्यों लगता है
तुम्हारा रूप पारदर्शी
क्योंकि, तुम्हारे सौन्दर्य के
उस पर भी
होता है, एक देवीय अहसास
जो ,तुम्हारी उन्मुक्त हंसी से
उपजा होता है
देता है दिलासा मन को
और ,तुम्हारे रूप की ओर
आकर्षित  करता है

मित्रता दिवश पर भेंट कविता की
जोगेश्वरी 

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