Saturday 3 August 2013

ek kavita likhne ka vada h

ek kavita hmesha
likhne ka sankalp h
जिस दिन नहीं लिखूं
तो, कुछ हफ्ते इंतजार करना
फिर भी लिखती नही दिखूं
तो, मान लेना कि
मै  जीवित नही हूँ
(और रहत की साँस लेना)

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