दूर तक जाएगी
वो नव, लेकर तुम्हे
नदी के उसपर
तुम्हारे गाँव
जन्हा बसा है
तुम्हारा नया संसार
इस पर है
मेरी नियति
और वो, अनब्याहा
सपनों का अभिसार
वो नव, लेकर तुम्हे
नदी के उसपर
तुम्हारे गाँव
जन्हा बसा है
तुम्हारा नया संसार
इस पर है
मेरी नियति
और वो, अनब्याहा
सपनों का अभिसार
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